On these dates you can get more returns than SIP investments – इन तारीखों पर SIP निवेश से ज्यादा रिटर्न पा सकते हे

SIP

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान SIP आजकल निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो चुका है। यह एक ऐसा तरीका है जिससे आप हर महीने एक तय राशि निवेश कर सकते हैं और लंबे समय में बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि SIP की तारीख का चुनाव भी आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकता है?
आइए जानते हैं कि SIP की सही तारीख का चुनाव कैसे ज्यादा रिटर्न दिला सकता है और इस पर विचार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

SIP की तारीख का महत्व

SIP में आप किसी म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि हर महीने निवेश करते हैं। यह राशि बाजार की मौजूदा स्थिति के अनुसार यूनिट्स में बदल जाती है। SIP की तारीख का चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शेयर बाजार हर दिन ऊपर-नीचे होता रहता है। 
अगर आप बाजार में गिरावट के दिन SIP करते हैं, तो आपको कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। दूसरी ओर, अगर बाजार ऊंचाई पर हो तो आपको कम यूनिट्स मिलती हैं। इसीलिए SIP की तारीख को सही तरीके से चुनने से लंबी अवधि में आपके रिटर्न्स बेहतर हो सकते हैं।

कौन-सी तारीख सबसे बेहतर होती है?

विशेषज्ञों के अनुसार, SIP की तारीख चुनते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए: 
1. मासिक बाजार चक्र का ध्यान रखें:
आमतौर पर महीने की शुरुआत में (1 से 10 तारीख के बीच) बाजार में हलचल ज्यादा होती है। कई निवेशक महीने की शुरुआत में ही SIP करते हैं, जिससे बाजार में खरीदारी बढ़ती है और NAV (Net Asset Value) बढ़ जाती है।
दूसरी ओर, महीने के मध्य या अंत में बाजार अपेक्षाकृत स्थिर रहता है, जिससे आपको NAV कम मिल सकता है।
2. बाजार की अस्थिरता का फायदा उठाएं:
यदि आप हर महीने 15 तारीख या उसके बाद SIP करते हैं, तो बाजार की अस्थिरता का फायदा मिल सकता है।
3. कई तारीखों में SIP करें:  यदि आपके पास निवेश के लिए ज्यादा धनराशि है, तो उसे अलग-अलग तारीखों पर विभाजित करें। जैसे 10 तारीख, 15 तारीख और 25 तारीख को SIP करें। इससे बाजार की औसत चाल का फायदा मिलेगा।

आंकड़ों की पुष्टि

एक अध्ययन के अनुसार, महीने के मध्य और अंत में किए गए SIP में औसतन ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। उदाहरण के लिए: • अगर आपने हर महीने की पहली तारीख को SIP किया है, तो आपको 10% रिटर्न मिला। • जबकि, अगर आपने हर महीने की 15 तारीख को SIP किया, तो वही रिटर्न 12% हो सकता है।

SIP करते समय इन बातों का रखें ध्यान

1. लंबी अवधि का नजरिया रखें:
SIP से ज्यादा रिटर्न तब मिलता है जब आप इसे 5-10 साल या उससे अधिक समय तक जारी रखते हैं।
2. अपनी प्राथमिकताओं को समझें:
SIP की तारीख का चुनाव करते समय अपनी सैलरी, खर्च और निवेश प्राथमिकताओं का ध्यान रखें।
3. मार्केट टाइमिंग पर ध्यान न दें:
SIP का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आपको बाजार टाइमिंग की चिंता नहीं करनी पड़ती। सही तारीख का चुनाव जरूरी है, लेकिन मार्केट टाइमिंग पर ज्यादा ध्यान देना आपके फोकस को भटका सकता है।

निष्कर्ष

SIP की तारीख का चुनाव आपके निवेश के रिटर्न को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह एकमात्र निर्णायक फैक्टर नहीं है। सबसे जरूरी है अनुशासन और नियमितता। महीने की 15 तारीख या उसके बाद SIP करना अधिकतर निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन अंत में, आपका निवेश लक्ष्य और धैर्य ही आपके फाइनेंशियल सफर को सफल बनाएगा।
इसलिए, सही तारीख चुनें, निवेश जारी रखें और बाजार की दीर्घकालिक संभावनाओं का लाभ उठाएं।

SIP क्या है?

SIP का पूरा नाम सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) है। यह एक ऐसा निवेश तरीका है जिसमें आप हर महीने एक तय राशि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। SIP के जरिए निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से और व्यवस्थित रूप से पूरा कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो नियमित रूप से छोटी-छोटी बचत करके बड़ा फंड बनाना चाहते हैं।

Rohit Sharma

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